स्वर्णमन्दिर में लिंचिग: ब्रिटिश सिख सांसद पर गुरुद्वारों में हो रहे यौन उत्पीडन की शिकायतों को अनदेखा करने के आरोप
नई दिल्ली,27 फरवरी। ब्रिटिश सांसद प्रीत कॉल गिल पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने गुरुद्वारों में हो रहे यौन शोषण को अनदेखा किया है। गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटिश सांसद का गुस्सा इस बात को लेकर है कि कैसे गुरुद्वारों में यौन शोषण के आरोप लगाए गए। ब्रिटिश सासंद पर यह आरोप लेबर पार्टी के ही समर्थकों ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वह ब्रिटिश सांसद के इस व्यवहार से बहुत ही हैरान हैं।
गार्डियन के अनुसार सिख सदस्यों ने ही पार्टी के पास शिकायत भेजी जब गिल ने कई सन्देश एक व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजें जिसमें उन्होंने इस बात पर संदेह व्यक्त किया कि गुरुद्वारे में भी ऐसा कुछ हो सकता है। इतना ही नहीं कि उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि दरअसल जिस गुरुद्वारे पर यह आरोप है और जिसने यह आरोप लगाए हैं वह “कथित उत्पीड़क” के साथ सहमति वाले सम्बन्ध में थी।
गार्डियन के अनुसार सिख वीमेन एड ने एक रिपोर्ट का प्रकाशन किया है, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन में रह रही 839 सिख महिलाओं के बीच सर्वे किया था और यह पाया था कि लगभग दो तिहाई महिलाओं का कहना था कि उनके साथ घरेलू हिंसा की घटनाएं हुई हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी है कि उन्हें गुरुद्वारे से तो समर्थन मिलता ही नहीं है साथ ही कई महिलाओं ने यह भी कहा कि उन्हें उनके पंथी नेताओं ने भी परेशान किया है। सिख वीमेन एड की सह संस्थापक ने कहा “हमारे समुदाय में महिलाओं के साथ जो हिंसा हो रही है, उसे देखते हुए हमारा सिर शर्म से झुक जाना चाहिए!”
मगर जैसे ही यह आरोप सार्वजनिक हुए। ब्रिटिश सांसद गिल का गुस्सा चरम पर पहुँच गया और उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप पर इस रिपोर्ट पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि “इस बात के क्या प्रमाण हैं कि गुरुद्वारे सुरक्षित नहीं हैं? यह बहुत ही अपमानजनक है, आपको सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए!”
बाद में उन्होंने यह भी जोड़ा कि “गुरु घरों को असुरक्षित कहना बहुत ही खतरनाक भाषा है, गुरुघरों के प्रति एक लिखित माफीनामा दिया जाए!”
और इसी में उन्होंने आगे कहा कि जिस महिला ने आरोप लगाया है, वह सहमति वाले सम्बन्ध में थी।
गिल का यह कट्टर व्यवहार नया नहीं है और वह अपनी विकृत मानसिकता को उस समय भी दिखा चुकी हैं जब भारत में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में एक व्यक्ति की कथित बेअदबी के नाम पर लिंचिंग कर दी गयी थी।
उन्होंने उस समय लिखा था कि स्वर्ण मंदिर में हिन्दू आतंकवादी को प्रवेश करने से रोका गया, जो हिंसा का कार्य करने के लिए आया था।
हालांकि बाद में जब हंगामा मचा था तो उन्होंने उस ट्वीट को हटा दिया था, परन्तु यह उनकी उस मानसिकता को बताता है कि वह किस सीमा तक कट्टर हैं और विकृत मानसिकता लिए हुए हैं।
गार्डियन ने सिख महिलाओं को लेकर लिखी गयी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि समुदाय के ही कुछ लोगों ने दावा किया है कि व्हाट्सएप संदेशों ने गिल के और भी कट्टर व्यवहारों का प्रमाण दिया है, जो लेबर पार्टी की उदारवादी विचारधारा के विपरीत हैं और गिल के यह कदम भारत के साथ ब्रिटेन के सम्बन्धों पर भी प्रभाव डाल सकता है।
ऐसे ही प्रमाणों का विवरण गृह विभाग के पास भेजा गया है, जिसमें सिख कट्टरवादियों के साथ उनकी संलग्नता को दिखाया है।
यह वही सिख कट्टरवादी लोग हैं जो भारत से अलग होकर एक दूसरे देश की मांग कर रहे हैं। जो प्रमाण उन्हें भेजे गए हैं उनमें गिल कीर स्टार्नर को अपने स्थानीय गुरुद्वारे लेकर गयी थीं और उस गुरुद्वारे में सिख कट्टरवादियों की तस्वीरें लगी हुई थीं।
इन चरमपंथियों में लभ सिंह की तस्वीर थी, जो खालिस्तान कमांडो फ़ोर्स का पूर्व नेता था, और सुखदेव सिंह बब्बर की तस्वीर थी, जो बब्बर खालसा इन्टरनेशनल का पूर्व नेता था। यह वही बब्बर खालसा इंटरनेशनल है, जिसके विषय में जांचकर्ताओं का यह कहना है कि वह वर्ष 1985 में हुई एयरइंडिया फ्लाईट के बम विस्फोट में सम्मिलित थी।
हालांकि गृह मंत्रालय के अनुसार डोजियर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
परन्तु सिख महिलाओं को लेकर बनाई गयी इस रिपोर्ट पर गिल ने जिस प्रकार आपत्ति की है और जिस प्रकार महिलाओं के साथ हो रहे यौन शोषण को अनदेखा किया है, उसे लेकर लेबर पार्टी के ही नेता भौचक्के हैं। नव जोहल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “मैं उनकी टिप्पणियों को देखकर बहुत हैरान हूँ क्योंकि यूके के गुरुद्वारा में सुरक्षा का मामला बहुत चिंताजनक है!”
जोहल ने आगे कहा कि गिल की टिप्पणियाँ इसलिए और भी हैरान करने वाली हैं क्योंकि गिल स्वयं बाल संरक्षण पृष्ठभूमि से आती हैं!