मुंबई, 18फरवरी।महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से चल रही उठापटक के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला किया है। चुनाव आयोग ने घोषणा की कि पार्टी का नाम शिवसेना और प्रतीक धनुष और तीर एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा।
आयोग ने कहा कि बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त किया गया। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है। राजनीतिक दलों और उनके आचरण पर दूरगामी प्रभाव वाले अपने ऐतिहासिक फैसले में, चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी कि वे लोकतांत्रिक लोकाचार और आंतरिक पार्टी लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करें और नियमित रूप से अपनी संबंधित वेबसाइटों पर अपनी आंतरिक पार्टी के कामकाज के पहलुओं का खुलासा करें।
दरअसल, पिछले साल जून में जब एकनाथ शिंदे ने तख्तापलट किया था तो पार्टी में दो गुट उभर आए थे। पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी। शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एकनाथ शिंदे ने सीएम औऱ देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी।