डॉ. मनसुख मांडविया ने उत्तर प्रदेश के आंवला और फूलपुर में इफको के नैनो यूरिया तरल संयंत्रों का उद्घाटन किया
नई दिल्ली, 15 फरवरी।नैनो यूरिया हरित प्रौद्योगिकी है जो मिट्टी को खराब होने से बचाने के साथ ही उत्पादन में वृद्धि करती है : डॉ. मनसुख मांडविया
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज उत्तर प्रदेश के आंवला और फूलपुर में इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको – आईएफएफसीओ) के नैनो यूरिया तरल (लिक्विड) संयंत्रों का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ मांडविया ने कहा कि आज का दिन इसलिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि नैनो यूरिया संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया आने वाले समय में किसानों की प्रगति सुनिश्चित करने के साथ ही उनकी आय में वृद्धि करेगा। इस तरह यह हमारे किसान के भविष्य को बदल देगा।
केंद्रीय मंत्री महोदय ने नैनो यूरिया से मिलने वाले लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सबसे अच्छी हरित प्रौद्योगिकी है जो प्रदूषण का समाधान प्रदान करती है। यह मिट्टी को खराब होने से बचाने के साथ ही उत्पादन भी बढ़ाती है और इसलिए यह किसानों के लिए सबसे अच्छी है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार की विशेषज्ञ समिति ने नैनो डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) को मंजूरी दे दी है और जल्द ही यह सामान्य (डीएपी) की जगह लेगी। उन्होंने आगे कहा कि नैनो- डीएपी से हमारे किसानों को अत्यधिक लाभ होगा और यह डीएपी से आधे मूल्य पर उपलब्ध होगा।
डॉ. मांडविया ने किसानों को नैनो यूरिया उपलब्ध कराने में सरकार के प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने नैनो यूरिया लाने में विभिन्न विभागों से अनुमोदन प्राप्त करने, किसानों को पारंपरिक यूरिया लॉबी से निपटने के लिए राजी करने जैसी चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया।
डॉ. मांडविया ने यह भी कहा कि यह एक वैकल्पिक उर्वरक है। हम वर्षों से उत्पादकता बढ़ाने के लिए यूरिया और डीएपी का इस्तेमाल करते रहे हैं। जब हम सामान्य यूरिया का उपयोग करते हैं तो केवल 35% नाइट्रोजन (यूरिया का ही) उपज द्वारा प्रयोग किया जाता है और अप्रयुक्त यूरिया मिट्टी पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इससे अब मिट्टी की उत्पादकता कम हो रही है और फसल उत्पादन स्थिर हो चुका है, इसलिए भी वैकल्पिक उर्वरकों का चयन किया जाना आवश्यक था।
किसानों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने हमेशा किसानों की आय बढ़ाने और उनकी समृद्धि के लिए काम किया है और उन्होंने प्राकृतिक खेती, जैव उर्वरक और वैकल्पिक उर्वरकों पर भी जोर दिया है। उन्होंने कोविड के दौरान प्रधानमन्त्री की भूमिका की भी सराहना की, क्योंकि उस समय उर्वरकों की कीमतें बढ़ीं और यूरिया का एक बैग 4000 रुपये के स्तर को छू गया था, परन्तु प्रधानमन्त्री जी ने यह सुनिश्चित किया कि उर्वरकों के दाम न बढ़े और उन्होंने कहा कि भले ही अनुदान (सब्सिडी बढ़ाओ) लेकिन बढे हुए मूल्यों का बोझ हमारे किसान के ऊपर नहीं आना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको – आईएफएफसीओ) को उसके प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सहकारिता के लिए किसान कल्याण सर्वोपरि है वाणिज्य, व्यापार और लाभ सर्वोपरि नहीं।
डॉ. मांडविया ने किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एक किसान दूसरे किसान की सलाह को अच्छे से सुनता है। जब कोई किसान अपने खेत में नैनो यूरिया का प्रयोग करता है और देखता है कि उत्पादन बढ़ गया है, मिट्टी पर भी बुरा प्रभाव नहीं हो रहा है और लागत भी कम हो रही है, तो ऐसे में उसे दूसरों को भी नैनो यूरिया के उपयोग की सलाह देनी चाहिए।
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको – आईएफएफसीओ) के अध्यक्ष श्री दिलीप संघानी और इफको के ही उपाध्यक्ष श्री बलवीर सिंह एवं महाप्रबंधक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, (सीईओ) इफको डॉ. उदय शंकर अवस्थी त्तथा फूलपुर से सांसद श्रीमती केशरी देवी उद्घाटन समारोह के दौरान उपस्थित थे।