नई दिल्ली, 5 फरवरी। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का आज रविवार को 79 साल की उम्र में निधन हो गया. अब से कुछ देर पहले जियो न्यूज पाकिस्तान ने बताया कि रिटायर्ड जनरल मुशर्रफ ने दुबई में एक अमेरिकी हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली. लंबे समय बीमार चल रहे मुशर्रफ एमाइलॉयडोसिस से जूझ रहे थे.
सैन्य तानाशाह मुशर्रफ को दिल के अलावा उम्र संबंधी भी कई गंभीर समस्याएं थीं. निधन से पहले उनका एक वीडियो भी सामने आया था. जिसमें देखा गया कि वो चलने में पूरी तरह असमर्थ थे और व्हील चेयर पर निर्भर थे. उन्हें खाने-पीने में भी खासी परेशानी थी.
मुशर्रफ को उनकी तानाशाही के लिए खास तौर पर याद किया जाता है. उन्होंने साल 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट कर दिया. नवाज शरीफ उस समय श्रीलंका के दौरे पर थे. उन्होंने भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध भी छेड़ा था, मगर पाकिस्तान को इस युद्ध में मुंह की खानी पड़ी
तानाशाह परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 को दिल्ली के दरियागंज में हुआ. 1947 में देश विभाजन के बाद उनके परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला लिया. कुछ दिनों बाद ही मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान पहुंच गया और उनके पिता को वहां ऊंचे पद पर नौकरी मिल गई.
कुछ समय बाद मुशर्रफ के पिता पूरे परिवार के साथ तुर्की चले गए. यहां परिवार कुछ साल रहा और बाद में एक बार फिर पाकिस्तान लौट आया. यहां उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और सेना में बड़ा अफसर बनने तक का सफर तय किया.
कोर्ट ने सुनाई थी फांसी
उल्लेखनीय है कि 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले तानाशाह परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई थी. उनपर देश में आपातकाल लगाने, संविधान को निलंबित करने और देशद्रोह का मुकदमा चला और साल 2014 में दोषी ठहराया गया. परवेज मुशर्रफ साल 2016 से दुबई में रह रहे थे.