गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: सेक्टर -56, मैक्स हॉस्पिटल कमिंग सून

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मनोहर तो बाला जी जोशी के जाल में फंस ध्रतराष्ट्र की तरह अंधे- क्या कोई जनहित याचिका करेगा ?
आज सुबह सैर के लिए निकला तो उपरोक्त बोर्ड देखकर रक्तचाप बढ़ गया। मेदांता में ईलाज के लिए जाना पड़ा। असल में यह वही जगह है जिसे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने मैक्स अस्पताल को कोडियो के भाव दे दिया। पांच एकड़ की करीब पांच सो करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी मात्र चौरासी करोड़ में दे दी। लोहे के चादर से इस प्लाट पर बाउंड्री वाल बना दी गयी है। कल तक वहा केवल पांच -छह मजदूर ही काम कर रहे थे।

आज वहां सैकड़ों मजदूर काम कर रहे थे और इंजीनियर भी आये हुए थे।

‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ” ने यह कह कर पूछा की में पड़ोस में ही रहता हूँ और ये अस्पताल कब तक बन जायेगा। मुझे बताया गया की जनाब अब काम तेजी से होगा। मैनेजमेंट को आशंका है की कही प्लाट का आबंटन कैंसिल न हो जाये। मैक्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की जनाब हमारा ५३ सेक्टर का अस्पताल का प्लाट कैंसल हो चूका है इसलिए हम कोई जोखिम नहीं ले रहे है।

मनोहर तो अपने मुंह बोले बेटे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशाशक अजित बाला जी जोशी के जाल में फंस कर धरताष्ट्र की तरह अंधे।
मैं देश -विदेश में रह रहे अपने पचास हजार पाठकों से अपील करता हूँ की वो जनहित में हाई कोर्ट में इस प्लाट का आबंटन कैंसिल कराने के लिए याचिका दायर करे। गरीब टैक्सपेयर का पैसा मनोहर लाल अमीरों को लुटा रहा है। वो तो धृतराष्ट्र की तरह अँधा हो गया है और उस पर अदालत का चाबुक मारना जरूरी है। मेने तो पत्रकार के नाते अपना काम कर दिया। अगर बालाजी अपने पद पर बने रहे तो क्या होगा इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती?

जब सेक्टर ५३ के प्लाट का आबंटन कैंसल हो सकता है तो ५६ सेक्टर वाले का क्यों नहीं ? दोनों प्लाट एक ही दिन अलाट किये गए।

मनोहर लाल जी प्रदेश की जनता आपसे पूछना चाहती है।

जवाबदेही तो भूपिंदर हूडा की भी बनती है।  हूडा साहिब विपक्ष के नेता है और कैबिनेट रैंक के मंत्री की सुविधाएं मिली हुई है। जब सरकार की सम्पति इस तरह लुटाई जा रही हो तो उनका भी फर्ज बनता है की वो इस मामले को प्रमुखता से उठाये।

मामला अभय चौटाला को भी उठाना चाहिए।

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