वेद-पुराण और संत-महात्माओं के संदेश हमें सद्मार्ग का रास्ता दिखाते हैं- राज्यपाल सुश्री उइके

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रायपुर,9 नवम्बर।राज्यपाल सुश्री उइके आज राजधानी रायपुर में आयोजित पांच दिवसीय श्री शिवमहापुराण के पावन कथा कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर शामिल हुईं। राज्यपाल ने कहा कि शिवमहापुराण कथा का श्रवण सभी के लिए सौभाग्य का अवसर है। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमारे वेद-पुराण प्राचीन ग्रंथों के संदेश एवa संत-महात्माओं के द्वारा दिए गए उपदेश हमें सद्मार्ग पर चलने का रास्ता बताते हैं। उन्होंने प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा जी द्वारा छत्तीसगढ़ आकर यहां श्री शिवमहापुराण के पावन कथा वाचन के लिए धन्यवाद दिया। इस पावन अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया] गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री रामसुंदर दास] विधायक] श्री सत्यनारायण शर्मा] श्री विकास उपाध्याय] श्री कुलदीप जुनेजा एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कथा श्रवण के लिए एकत्रित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में प्राचीनकाल से जब-जब अधर्म और अत्याचार बढ़ा तब-तब संतों ने किसी न किसी रूप में मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के वेद-पुराणों के वाचन एवं धार्मिक आयोजनों से सद्भाव का वातावरण निर्मित होता है। उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि संत-महात्माओं के द्वारा बताए रास्ते पर चलते हुए हमारे देश की एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाए रखें।

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में जब लोग विभिन्न प्रकार के रोगों और मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं । ऐसे में प्राचीन पुराणों एवं ग्रंथों का श्रवण हमारे चित्त को शांति एवं एकाग्रता प्रदान करते हैं । उन्होंने बताय कि शिव पुराण के संबंध में मान्यता है कि जो भी भक्त भगवान शिव की आराधना करता है] या फिर इस शिव पुराण का पाठ करता है या करवाता है या फिर पूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति भाव के साथ शिव पुराण कथा का श्रवण करता है, भगवान शिव उसका कल्याण करते हैं। इस पवित्र कथा के सुनने मा़त्र से पुण्य की प्राप्ति होती है। मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और व्यक्ति के समस्त प्रकार के कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि भगवान शिव सदैव लोकेापकारी एवं कल्याणकारी हैं। पुराणों में शिव को त्याग] तपस्या] वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है । कहा गया है कि शिव सहज ही प्रसन्न हो जाने वाले एवं मनोवांछित फल देने वाले देवता हैं। इस सृष्टि का निर्माण भगवान शिव की इच्छा मात्र से ही हुआ है, इसलिए उनकी भक्ति करने वाले व्यक्ति को संसार की सभी वस्तुएं प्राप्त हो सकती हैं।

राज्यपाल ने इस अवसर पर पं.प्रदीप मिश्रा जी के छत्तीसगढ़ आगमन पर उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

राज्यपाल सुश्री उइके ने राज्य विधानसभा के 15वें सत्र आहूत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खण्ड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये 01 दिसंबर 2022 को पूर्वान्ह 11ः00 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा का 15वां सत्र आहूत करने के विधानसभा से प्राप्त प्रस्ताव पर आज यहां हस्ताक्षर किए हैं। यह सत्र 01 और 02 दिसंबर 2022 को आहूत किया जाएगा।

दो दिवसीय उज्जैन प्रवास पर रहेंगी राज्यपाल सुश्री उइके विभिन्न कार्यक्रमों में होंगी शामिल
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके 10 नवंबर 2022 से 11 नवंबर 2022 तक उज्जैन प्रवास पर रहेंगी। उज्जैन प्रवास के दौरान राज्यपाल सुश्री उइके 10 नवंबर 2022 को दोपहर 02%30 बजे दशहरा मैदान उज्जैन में स्टेडियम के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगी। इसके पश्चात् राज्यपाल सुश्री उइके शाम 04%00 बजे पंडित सूर्यनारायण व्यास संस्कृति संकुल, कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन में आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह में शामिल होंगी। उज्जैन प्रवास के दूसरे दिन 11 नवंबर 2022 को सुबह 11%00 बजे महाकाल मंदिर में भगवान श्री महाकालेश्वर का दर्शन करेंगी और दोपहर 12.10 बजे मंगलनाथ मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगी।

दो दिवसीय उज्जैन प्रवास पर रहेंगी राज्यपाल सुश्री उइके विभिन्न कार्यक्रमों में होंगी शामिल
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके 10 नवंबर 2022 से 11 नवंबर 2022 तक उज्जैन प्रवास पर रहेंगी। उज्जैन प्रवास के दौरान राज्यपाल सुश्री उइके 10 नवंबर 2022 को दोपहर 02.30 बजे दशहरा मैदान उज्जैन में स्टेडियम के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगी। इसके पश्चात् राज्यपाल सुश्री उइके शाम 04.00 बजे पंडित सूर्यनारायण व्यास संस्कृति संकुल, कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन में आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह में शामिल होंगी। उज्जैन प्रवास के दूसरे दिन 11 नवंबर 2022 को सुबह 11.00 बजे महाकाल मंदिर में भगवान श्री महाकालेश्वर का दर्शन करेंगी और दोपहर 12.10 बजे मंगलनाथ मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगी।

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