“कैसे रुक जाएं देश में बलात्कार जब न्याय व्यवस्था का ये हाल”:कपिल मिश्रा

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नाई दिल्ली ,10 नवंबर।कपिल मिश्रा ने राजधानी दिल्ली के बहुचर्चित छावला रेपकांड में दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से रिहा किये जाने पर निराशा जाहिर करते हुए न्यायिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ा किया है। कपिल मिश्रा ने समान सबूतों और गवाहों के आधार पर हाईकोर्ट औऱ सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भारी अंतर और मौत की सजा से रिहाई के आदेश पर आश्चर्य प्रगट करते हुए कहा कि हमारी कोर्ट में रोजाना ही ऐसे निराशाजनक फैसले हो रहे हैं, जो किसी अपराध से कम नहीं हैं।
कपिल मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते सोमवार को दिये फैसले पर अपनी असहमति जताते हुए ट्वीट किया है और कहा है, “वही सबूत, वही गवाह। हाईकोर्ट से सजा-ए-मौत, सुप्रीम कोर्ट से बाइज़्ज़त बरी। कैसे रुक जाएं देश में बलात्कार जब न्याय व्यवस्था का ये हाल है। अपराधियों ने तो किरण नेगी का बलात्कार और हत्या एक बार की, न्यायपालिका तो ये जघन्य अपराध हर दिन कर रही है।”

किरन नेगी रेप और हत्याकांड देश की राजधानी दिल्ली को वह चर्चित मामला है, जो अपराधियों द्वारा नजफगढ़ इलाके के छावला में उसी साल को अंजाम दिया गया था, जिस साल निर्भया रेपकांड हुआ था। 09 फरवरी 2012 को तीन युवकों ने 19 साल की किरन नेगी का उस समय अपहरण करके गैंगरेप किया था. जब को काम करके घर वापस लौट रही थी।

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