छत्तीसगढ़िया होने का गौरव उत्सव है राज्य स्थापना दिवसः राज्यपाल उइके

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नई दिल्ली, 2नवंबर। राज्यपाल अनुसुईया उइके आज राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्य अलंकरण समारोह में शामिल हुईं। राज्यपाल सुश्री उइके और मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वर्ष 2022 के 33 विभिन्न विधाओं में 40 राज्य अलंकरण सम्मान प्राप्तकर्ताओं को पुरस्कार प्रदान किये। राज्यपाल उइके का मुख्यमंत्री बघेल ने राजकीय गमछा भेंट कर समारोह में स्वागत किया। राज्यपाल सह अतिथियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया और नृत्य सहित अन्य प्रस्तुतियों की खूब प्रशंसा की। इस अवसर पर मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य, नेता प्रतिपक्ष, सांसदगण, विधायकगण उपस्थित थे।

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ी में राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी तथा राज्य अलंकरण सम्मान प्राप्तकर्ताओं को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ है। इस अवसर पर 09 देशों, 28 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से आए कलाकारों का उन्होंने छत्तीसगढ़ में स्वागत व अभिनंदन किया।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य स्थापना के इस विशेष दिन को हम अपने छत्तीसगढ़िया होने के गौरव उत्सव के रूप में मनाते हैं। छत्तीसगढ़ के स्वप्नदृष्टाओं और छत्तीसगढ़ राज्य बनाने के लिए संघर्षरत् जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जनभावनाओं को सम्मान दिया। उन्होंने राज्य निर्माण का स्वप्न देखने और संघर्ष करने वाले पुरखों और समस्त महापुरूषों को भी नमन किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने सुंदर और भव्य राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

राज्यपाल ने राज्य अलंकरण पुरस्कार का उल्लेख करते हुए कहा कि वास्तव में यह पुरस्कार किसी विशेष क्षेत्र में किये गए कार्य के प्रति सम्मान है। इससे उस व्यक्ति की उस क्षेत्र में एक महत्ता स्थापित होती है, मनोबल बढ़ता है, साथ ही समाज के अन्य लोगों को भी अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।

राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना को 22 वर्ष हो गए हैं। छत्तीसगढ़ ने इन वर्षों में हर क्षेत्र में प्रगति की है और प्रदेश का नाम देश में अग्रणी स्थान पर है। प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम में सुलभ शिक्षा के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले गए हैं, जिससे निम्न आय वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी में बेहतर शिक्षा मिलना संभव हो पाया है। हाट बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से सुदूर अंचलों के बसाहटों तक स्वास्थ्य सुविधाएं सहज ही उपलब्ध हो रही हैं। चलित अस्पताल लोगों के दरवाजों तक पहुंच गया है। जनजातीय आस्था के केन्द्र देवगुड़ियों के कायाकल्प का प्रयास भी सराहनीय है।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन की मंशा की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित हमारे देश में आदिवासियों की संस्कृति बहुत समृद्ध रही है। आदिवासी, समृद्ध संस्कृति के वाहक होने के साथ ही प्रकृति के पूजक भी रहे हैं। उनकी जीवनशैली और प्रकृति के बीच एक गहरा सामंजस्य है। आदिवासी न्यूनतम आवश्यकताओं पर जीने वाले लोग हैं। वास्तव में यह आदिवासियों की जीवनशैली का मूलमंत्र है। वे प्रकृति से उतना ही लेते हैं, जितनी उन्हें आवश्यकता होती है। तथाकथित आधुनिक समाज को कई मायनों में उनसे सीखने की जरूरत है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि हमें राज्योत्सव के अवसर पर आत्मचिंतन भी करना चाहिए कि हम किन क्षेत्रों में पीछे रह गए हैं और उन्हें हम कैसे दूर करें। मुझे विश्वास है कि हम अपने संसाधनों का संतुलित और बेहतर उपयोग करते हुए देश के सबसे विकसित राज्यों में शामिल होंगे। उन्होंने राज्य के सभी नागरिकों से अपील की कि वे राज्य के विकास के लिए अधिक से अधिक योगदान दें।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

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