ऋषि सुनक ही नहीं विश्व के और भी देशो में है भारतीयों की धाक, इंडिया के ये नेता भी करते है विदेशों पर राज

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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। भारत,नेपाल, मॉरिशस के अलावा अब ब्रिटेन भी उस लिस्ट में शामिल हो गया है जहां देश के नेतृत्व का बागडोर किसी हिंदू और भारतीय राजनेता के हाथ में है। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री अब ऋषि सुनक बनाए गए है। भारत और दुनियाभर में बसे भारतीयों के लिए ये एक गौरव का पल है। भारतीय मूल के व्यक्ति का विदेशों में अहम पदों पर होना भारत के लिए बेहद गर्व की बात है। आपको बता दें कि दुनिया भर में कई ऐसे नेता हैं जो भारतीय मूल के हैं। इन सभी नेताओं पर देश की जनता और पार्टी भरोसा करती है और पूरी दुनिया में अपनी बेहतरीन राजनीति के लिए जाने जाते हैं।

ऋषि सुनक
ऋषि सुनक भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं। करीब छह हफ्ते पहले वह इसी पद को लिज ट्रस से हार गए थे। लेकिन लिज ट्रस को अपनी खराब आर्थिक योजना के चलते महज 45 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा। वे देश की आर्थिक नीतियों को ठीक से समझ नहीं पाईं और उनके एक फैसले ने बाजार में उथल पुथल मचा दी। ऐसे में देश का नेतृत्व करने के लिए एक बेहतर नेता की जरूरत आन पड़ी। ऋषि सुनक आज से 7 साल पहले ही पहली बार सांसद बने थे। लेकिन अपने इसी सफर में वह लगातार राजनीतिक ग्राफ पर ऊपर आते गए। जिसके चलते आज की स्थिति को अगर देखा जाए, तो पूरी कंजरवेटिव पार्टी में उनके बराबर कोई नेता नहीं है। इसी के चलते उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। ऋषि सुनक ने ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे दुनिया के नामचीन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा हासिल की है और वह भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बने हैं। 42 वर्षीय सुनक का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में एक भारतीय परिवार के यहां हुआ था। उनके दादा-दादी का ताल्लुक पंजाब से था।

नेपाल के पीएम शेरबहादुर देउबा
शेरबहादुर देउबा लंबे वक्त से नेपाली कांग्रेस सभापति हैं। उन्होंने नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री के रूप में साल 2017 में शपथ ली थी। इससे पहले 1995 से 1997 तक, फिर 2001 से 2002 तक और 2004 से 2005 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वे नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। राजनीति की बात करें तो देउबा ने 19 साल की उम्र में (1965) स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। साल 1965 से 1968 तक उन्होंने सुदूर-पश्चिमी छात्र समिति, काठमांडू के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। शेरबहादुर देउबा नेपाली कांग्रेस का एक सहयोगी संगठन, नेपाल छात्र संघ के संस्थापक सदस्य रह चुके हैं । 1960 और 1970 के दशक में पंचायत व्यवस्था के खिलाफ काम करने के लिए उन्हें अलग-अलग समय पर 9 साल की जेल भी हुई। फिर1980 के दशक में नेपाली कांग्रेस की राजनीतिक सलाहकार समिति के समन्वयक के रूप में भी उन्होंने अपना अहम योगदान दिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। शेरबहादुर देउबा हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
प्राविन्द जगन्नाथ
प्राविन्द जगन्नाथ 23 जनवरी, 2017 से मॉरीशस के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित कर रहे है। 25 दिसम्बर 1961 को पवार में प्रतिष्ठित हिन्दू परिवार में जन्में प्राविन्द जगन्नाथ को बर्किघम यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि दी है। इससे पूर्व इनके पिता अनिरुद्ध जगन्नाथ लगातार 18 वर्ष तक मॉरीशस के पीएम के पद पर रहे। भारत में मॉरीशस के उच्चायुक्त जगदीश्वर गोवर्धन ने बताया कि प्रधानमंत्री प्राविन्द जगन्नाथ के पूर्वज 1873 में जहाज से गन्ना बोने के लिए मॉरीशस गए थे, वे वहीं के हो गए। मॉरिशस में काफी सालों से एक हिंदू परिवार ही पीएम पद की शोभा बढ़ा रहा है।

कमला हैरिस
कमला हैरिस वर्तमान में अमेरिका की उपराष्ट्रपति है। डेमोक्रेटिक पार्टी से संबंधित राजनेता 2011 से 2017 तक कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में सेवा करने के बाद देश के इतिहास में पहली महिला उपाध्यक्ष बनीं। 57 वर्षीय कमला भारत के तमिलनाडु़ से ताल्लुक रखती है। वो वर्ष 2021 में अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनी थी।

एसआर नाथन
सेल्लापन रामनाथन (एसआर नाथन) सिंगापुर के पूर्व राष्ट्रपति थे। भारतीय मूल के राजनेता ने 1999 और 2011 के बीच सिंगापुर सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में भी काम किया। देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे। 2016 में 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।

लियो वराडकर
लियो वराडकर आयरलैंड में भारतीय मूल के नेता हैं वो वर्ष 2017 से ही अहम पद संभाल रहे है। वो वर्ष 2017 से से 2020 तक आयरलैंड गणराज्य के ताओसीच और रक्षा मंत्री थे। वर्तमान में सरकार में उद्यम, व्यापार और रोजगार मंत्री का पद संभाल रहे है। बता दें कि लियो का जन्म डबलिन में हुआ और उनके पिता का जन्म मुंबई में हुआ था।

महेंद्र पाल चौधरी
महेंद्र पाल चौधरी फिजी लेबर पार्टी के पूर्व नेता हैं जो 1999 में देश के पहले इंडो-फिजियन प्रधानमंत्री बने। चौधरी का परिवार भारतीय राज्य हरियाणा के रोहतक जिले से है। महेंद्र पॉल चौधरी के दादा राम नाथ चौधरी 1902 में गन्ने के बागानों में काम करने के लिए फिजी आए थे।

चंद्रिकापरसाद “चान” संतोखी
चंद्रिकापरसाद “चान” संतोखी एक पूर्व पुलिस अधिकारी थे जिन्होंने राजनीति का रास्ता चुना। वो वर्ष 2020 में सूरीनेम के राष्ट्रपति चुने गए। 63 वर्षीय संतोखी एक इंडो-सूरीनामी हिंदू परिवार में पैदा हुए थे जो प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी के नेता हैं। वर्ष 2005 और 2010 के बीच संतोखी न्याय और पुलिस मंत्री के रूप में कार्य कर चुके है। 2020 में, वह एकमात्र नामांकित व्यक्ति होने के बाद देश के नौवें राष्ट्रपति बने।

पृथ्वीराज रूपन
मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन भी भारतीय मूल के हैं। रूपन 2019 से मॉरिशस के राष्ट्रपति हैं। उनका जन्म 24 मई 1959 को मॉरिशस के एक भारतीय आर्य समाजी हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल लंकाशायर से इंटरनेशनल बिजनेस लॉ में मास्टर्स डिग्री हासिल की है।

वेवल रामखेलावन
सेशेल्स के राष्ट्रपति रामखेलावन भी भारतीय मूल के हैं। रामखेलावन के दादा बिहार के रहने वाले थे। रामखेलावन के पिता मेटल का काम करते थे, जबकि मां शिक्षिका थीं। रामखेलावन का जन्म 15 मार्च 1961 में हुआ था।

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